तन्हाई की रातों में, दर्द की गहराइयों में खो जाता हूँ, जब तेरे होते हुए भी किसी और ने तसल्ली दी मुझे। मंज़र लखनवी टैग : दिल शेयर कीजिए मेरी पलकों का अब नींद से कोई ताल्लुक नही रहा, यूं तो अकेला भी अक्सर गिर के संभल सकता हूँ मैं, https://youtu.be/Lug0ffByUck